आज यानी 6 नवंबर को Chhath महापर्व का दूसरा दिन शुरू होना है। यह पर्व संतान प्राप्ति, उनकी सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है है। इस पर्व में भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा करने की परंपरा है।
आज से छठ महापर्व शुरू हो रहा है जिसकी शुरुआत खरना व्रत से किया जाता है यह पर्व भगवान सूर्य देव और छठी मां की पूजा करने की परंपरा है यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए विशेष रूप से किया जाता है। भारत परंपरा में ऐसी मान्यता है कि जिस स्त्री का पुत्र नहीं है, उसको भी छठ व्रत रखने से संतान प्राप्ति का सुख मिलता है।
इस त्यौहार के दिन स्त्रिया पूरे दिन 24 घंटे निराजल व्रत करती हैं और घाट पर जाकर गीत गाने के साथ पूजा करती हैं। कहीं-कहीं बिहार और यूपी के कुछ हिस्सों में 2-3 दिन का भी व्रत रखने की परंपरा है।
छठ त्यौहार को त्योहारों का त्योहार कहा गया है तो इसके पीछे इसकी श्रद्धा ,विश्वास और समर्पण है।इस पर्व में पुरुषो भी विशेष योगदान रखता है जिसमें वो घाट पर जाकर छठ मां की एक वेदी बनाते हैं जिसकी आराधना शाम को और अगले दिन सुबह की जाती है।