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सीरिया अपने पतन की ओर…

Syria Downfall

सीरिया अपने पतन की ओर अग्रसर

सीरिया अपने पतन की ओर, विश्व मानचित्र बदलने की संभावना

आज के समय में पूरी दुनिया उथल-पुथल में है, कहीं आपातकाल है, कहीं युद्ध चल रहे हैं। इसी तरह बात करते हैं सीरिया की, जो इन दिनों अपने अस्तित्व को लेकर संशय में है। पूरा देश अपने लोगों से अनुरोध कर रहा है कि जो भी सीरिया में है, वह तुरंत सीरिया छोड़ दे। एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया में इस समय केवल 90 भारतीय रह रहे हैं, जो इन दिनों वहां काम कर रहे हैं।

सीरिया की राजधानी दमिश्क जल्द ही गिरने वाली है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का परिवार पहले ही देश छोड़ चुका है। और वे फिलहाल रूस में रह रहे हैं। और अगर ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द राष्ट्रपति भी देश छोड़ देंगे।

आख़िर सीरिया में ऐसा हुआ क्या है।

सीरिया दो भागो में बंटा हुआ है। बशर अल असद सीरिया के कुछ ही लोगों को संभालते हैं और फिल्हाल की स्थिति के हिसाब से सीरिया का नक्शा हर घंटे बदल रहा है।

दूसरा भाग कुर्दियों की भूमि लोकतांत्रिक नेताओं के नियंत्रण में है। ये लोग अलग एक देश बनाना चाहते हैं। एक दूसरा हिस्सा एचटीएस (हयात ताहिर अल शाम) ये अल क्वेदा की एक शाखा है सीरिया में। इनका बस एक काम है बशर अल असद की सरकार को कैसे भी गिरा देना। एचटीएस का ये मानना ​​है कि सीरिया में बहुत समस्याएं हैं, मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं, उनकी मदद नहीं की जा रही है। अल्पसंख्यक ईसाइयों को बहुत महत्व दिया जा रहा है।

ये सब अचानक से सीरिया में क्यू हो रहा है

इस समय जो सरकार है सीरिया में बशर अल असद की वो बहुत जी ज्यादा रूस समर्थक है ईरान समर्थक है और इस लिए सीरिया को गिराने का प्रोग्राम था अमेरिका और इजराइल का . यूएसए का ये एजेंडा था कि तुर्की से मिल कर सीरिया के उत्तर में छोटे-छोटे ग्रुप बनाओ और वो ग्रुप सीरिया की वर्तमान सरकार को मदद दिलाएगा।और इस तरह से रूस का प्रभाव सीरिया से कम करो।और इस से रूस के सीरिया में जो सैन्य अड्डे हैं वो भी ख़त्म हो जायेंगे।

सीरिया के पतन का मास्टरमाइंड

अमेरिकियों 2017 से लगातार सीरिया को लेकर लिख रहे हैं उनका मनाना है ये है कि सीरिया के संकट को हल करने के लिए विभाजन जरूरी है।

सीरिया जिस रास्ते पर चल रहा है, अब वापस होना मुस्किल है , रूस को भी समझ आ चुका है कि वो सीरिया की मदद नहीं कर पाएगा, वो पहले ही यूक्रेन से युद्ध में व्यस्त है। पुतिन चाह कर भी सीरिया की मदद नहीं कर पाएंगे। . इस सबके पीछे का मास्टर माइंड जो बिडेन हैं जिनका आखिरी महीना चल रहा है और जाते-जाते सीरिया को डूबा जाएंगे, जो बिडेन (राष्ट्रपति यूएसए) का शानदार भू-राजनीतिक कदम। और रूस का सबसे बड़ा मित्र सीरिया उनके हाथ से निकल जायेगा.

 

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