भारत ने INS अरिघाट से K-4 परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया; परमाणु प्रतिरोध की दिशा में एक बड़ा कदम!

K-4 मिसाइल

K-4 बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण: MAD का संदेश स्पष्ट रूप से सुनाई दिया सारांश
भारत ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी INS अरिघाट से K-4 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिससे 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ इसकी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई। यह कदम भारत की समुद्र आधारित परमाणु क्षमताओं को मजबूत करता है, एक अधिक विश्वसनीय दूसरा हमला विकल्प प्रदान करता है, जो चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति के बीच रणनीतिक संतुलन को बढ़ाता है।

बुधवार को भारत ने एक गेम चेंजर कदम उठाते हुए नई कमीशन की गई परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी INS अरिघाट से K-4 मिसाइल का परीक्षण किया। परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM), जिसकी मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है, शत्रु देशों के लिए भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को विश्वसनीय बनाती है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जब चीन की नौसेना भारत से कहीं आगे निकल गई है। K-4 मिसाइल SLBM दोनों देशों के बीच एक नया रणनीतिक संतुलन बनाएगी।

हालांकि, सुबह बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम के पास हुए मिसाइल परीक्षण पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि यह ठोस ईंधन वाली K-4 मिसाइल थी जिसका परीक्षण 6,000 टन के INS अरिघाट से किया गया था। पिछले कई सालों से K-4 का परीक्षण अब तक केवल सबमर्सिबल पोंटून से ही किया गया है।

दुनिया में सिर्फ़ छह देशों के पास ऐसी पनडुब्बियाँ हैं जो परमाणु ऊर्जा से चलने के साथ-साथ परमाणु मिसाइल भी दाग ​​सकती हैं: अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और भारत। ऐसी पनडुब्बी को SSBN (शिप, सबमर्सिबल, बैलिस्टिक, न्यूक्लियर) कहा जाता है। भारत की पहली SSBN, INS अरिहंत, 2018 में पूरी तरह से चालू हो गई, जबकि दूसरी, INS अरिघाट को इस साल अगस्त में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

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